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चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
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83 वर्षीय बुजुर्ग की सफल स्पाइन सर्जरी: परिवार और चिकित्सा की मिसाल

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83 वर्षीय बुजुर्ग की सफल स्पाइन सर्जरी : परिवार और चिकित्सा की मिसाल

जयपुर।

प्रियूष न्यूरो एंड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की न्यूरोसाइंस टीम ने 83 वर्षीय मुंबई निवासी बुजुर्ग की सफल स्पाइन सर्जरी कर उनकी जिंदगी को नई दिशा दी है। पिछले 8 वर्षों से गंभीर कमर दर्द के कारण अपनी सामान्य दिनचर्या निभाने में असमर्थ बुजुर्ग अब पूरी तरह स्वस्थ हैं।

क्यों करनी पड़ी सर्जरी

:बुजुर्ग मरीज लंबे समय से कमर दर्द से जूझ रहे थे, जिससे उनका चलना-फिरना और सामान्य क्रियाएं तक मुश्किल हो गई थीं। परिवार ने उन्हें हर संभव चिकित्सा उपचार और उपाय करवाए, लेकिन जब आराम नहीं मिला, तो डॉ. योगेश गुप्ता और डॉ. उषा गुप्ता की विशेषज्ञ टीम ने स्पाइन सर्जरी का सुझाव दिया। सफल सर्जरी के बाद, मरीज को अपनी पुरानी जिंदगी की तरह सक्रिय और दर्दमुक्त जीवन जीने का अवसर मिला।

कमर दर्द के कारण और बचाव के उपाय

कमर दर्द का कारण अक्सर खराब जीवनशैली, लंबे समय तक बैठने की आदत, उम्र के साथ होने वाली शारीरिक कमजोरी, या रीढ़ की हड्डी से संबंधित समस्याएं होती हैं।

क्या हो बचाव के उपाय :

नियमित व्यायाम और योग।

सही मुद्रा में बैठना और चलना।

वजन को नियंत्रित रखना।

किसी भी असामान्य दर्द को नजरअंदाज न करना और समय पर डॉक्टर से परामर्श न लेना।

सफल स्पाइन सर्जरी की अहमियत :

जब कमर दर्द सभी उपायों के बावजूद ठीक न हो और जीवन की गुणवत्ता को बुरी तरह प्रभावित करने लगे, तो स्पाइन सर्जरी ही अंतिम समाधान बनती है। आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों और विशेषज्ञ टीमों की बदौलत आज स्पाइन सर्जरी की सफलता दर 90% से अधिक है। यह तकनीक बुजुर्ग मरीजों के लिए भी उतनी ही प्रभावी साबित हो रही है।

83 वर्षीय बुजुर्ग का इलाज को प्राथमिकता देना आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा

इस सर्जरी में परिवार की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण रही। उम्र के इस पड़ाव पर जहां अधिकांश लोग बुजुर्गों की तकलीफों को उनकी नियति मान लेते हैं, वहीं इस परिवार ने यह सुनिश्चित किया कि उनके प्रियजन को कष्टमय जीवन न जीना पड़े। यह उदाहरण आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा है कि बुजुर्गों की देखभाल और उनके जीवन को सुखद बनाना हमारी जिम्मेदारी है।

संदेश : शारीरिक आराम के आगे धन का महत्व नहीं

यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि एक दर्द रहित और खुशहाल जीवन के लिए वित्तीय प्राथमिकताएं गौण हो जाती हैं। 83 वर्ष की उम्र में इस सर्जरी ने न केवल बुजुर्ग की शारीरिक समस्याओं का समाधान किया, बल्कि उनके परिवार को भी संतुष्टि और गर्व का अनुभव कराया। यह प्रयास हर परिवार को सिखाता है कि बुजुर्गों के लिए एक बेहतर जीवन सुनिश्चित करना हमारे कर्तव्यों में शामिल होना चाहिए।

संपर्क सूत्र : डॉ योगेश गुप्ता मो 707 366 7185

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