फर्जी दस्तावेज पेश करने के कारण डॉक्टर का पंजीयन निरस्त
जयपुर, 20 सितम्बर।
फर्जी दस्तावेज पेश करने के कारण डॉक्टर का पंजीयन निरस्त
राजस्थान मेडिकल काउंसिल की जनरल बॉडी की निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज से मनोनीत सदस्यों ने भाग लिया।
निदेशक जन स्वास्थ्य ने बताया कि बैठक में पैनल एंड एथिकल कमेटी के समक्ष कुल 17 प्रकरण प्रस्तुत किए गए।
जिसमें एनएमसी, दिल्ली के दिशा-निर्देश अनुसार एक चिकित्सक का पंजीयन निरस्त किया गया एवं 9 चिकित्सकों को चेतावनी जारी की गई। उन्होंने बताया कि फर्जी दस्तावेज लगाए जाने के कारण डॉ. राहुल वर्मा का पंजीयन निरस्त किया गया है।
राजस्थान मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि राजस्थान मेडिकल काउंसिल के समस्त रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने, चिकित्सकों के क्रेडिट अवार्ड बढ़ाने के लिए ऑनलाइन सीएमई सिस्टम लागू करने एवं परिषद में पंजीकृत चिकित्सकों का क्यूआर कोड वाले स्मार्ट कार्ड बनाने की प्रगति की भी बैठक में समीक्षा की गई।
डॉ. शर्मा ने बताया कि काउंसिल के काम को गति देने एवं सुविधाजनक बनाने की दृष्टि से वेबसाइट को अद्यतन किया गया है। इसके अलावा कार्य को अधिक सुगम बनाने में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग भी किया जाएगा।
इससे पूर्व भी जून 2024 में फर्जी दस्तावेजों और अवैध कार्य करने वाले डॉक्टर पर की गई थी कार्रवाई।
राजस्थान मेडिकल काउंसिल द्वारा झूंझुनूं किडनी कांड के आरोपी डॉ. संजय धनखड़ के साथ-साथ डॉ. गणपत सिंह, डॉ. मो. साजिद, डॉ. मो. अफजल, डॉ. कृष्णा सोनी, डॉ. बोम्मा रेड्डी हरि कृष्णा, डॉ जयदीप सिंह एवं डॉ बलजीत कौर का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा डॉ. अजय अग्रवाल और डॉ. सुमन अग्रवाल का पंजीयन 6 माह के लिए निलंबित किया गया है साथ ही किडनी कांड के अलावा अन्य डॉक्टरों ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर रजिस्ट्रेशन कराया था। जिस कारण इन सभी का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया।