अंग प्रत्यारोपण मामला : डॉ गुप्ता ने मांगा 10 लाख रुपए प्रतिदिन का हर्जाना
अंग प्रत्यारोपण मामला : हाईकोर्ट ने सरकार को
नोटिस जारी कर पूछा, क्यों दर्ज की एफआईआर
डॉक्टर संदीप गुप्ता ने मांगा 10 लाख रुपए प्रतिदिन का हर्जाना
जयपुर। अंग प्रत्यारोपण प्रकरण में गिरफ्तार चिकित्सक डॉ गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राज्य सरकार व अन्य से 10 लाख रुपए प्रतिदिन का हर्जाना दिलाने की मांग की है, वहीं एफआईआर दर्ज करने को भी चुनौती दी है।
कोर्ट ने गृह और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग की अधिकारी डॉ. रश्मि गुप्ता, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त श्रीमन लाल मीणा व सहायक पुलिस उपायुक्त गोपाल ढाका को नोटिस जारी कर पूछा कि इस प्रकरण में अदालत में परिवाद पेश किए जाने का प्रावधान होने के बावजूद एफआईआर दर्ज क्यों की गई?
न्यायाधीश एन एस ढड्ढा ने डॉ. संदीप गुप्ता की आपराधिक याचिका पर यह आदेश दिए।
प्रार्थीपक्ष की ओर से अधिवक्ता हेमंत नाहटा और रिपुदमन सिंह ने कहा कि मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम के तहत ऐसे मामलों में न तो एफआईआर दर्ज हो सकती है और न ही पुलिस गिरफ्तारी कर सकती है।
टोहो एक्ट के अंतर्गत समुचित प्राधिकारी डॉ. रश्मि गुप्ता को स्वयं अदालत में परिवाद पेश करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने आईपीसी की धारा में एफआईआर कराई।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के षडयंत्र के तहत थाने में मामला दर्ज कर पुलिस ने गिरफ्तारी की। डॉ संदीप गुप्ता को फिजूल फंसाया गया। अंग प्रत्यारोपण की नो ऑब्जेक्आशन प्रमाणपत्र में में उनका कोई सीधा संबंध नहीं है।
प्वाइंट टू बी नोटेड : अंग प्रत्यारोपण कराने वाले विदेशी नागरिकों ने दस्तावेज बांग्लादेश में तैयार करवाए और ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग ने मेडिकल वीसा दिया।
प्वाइंट टू बी नोटेड : बांग्लादेश सरकार व उच्चायोग ने एनओसी दी, ऐसे में एसएमएस अस्पताल की एनओसी का महत्व नहीं है।
प्वाइंट टू बी नोटेड : फोर्टिस अस्पताल ने तीन साल के दौरान हर अंग प्रत्यारोपण मामले की सूचना सरकार को दी।
प्वाइंट टू बी नोटेड : गुरुग्राम में एफआईआर दर्ज है और सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट कर चुका कि ऐसे मामले में सीआरपीसी लागू नहीं होती।
डॉ ने याचिका में गिरफ्तारी अवैध घोषित कर हिरासत अवधि के लिए प्रतिदिन दस लाख रुपए के हिसाब से हर्जाना दिलाने की गुहार की है। डॉक्टर संदीप गुप्ता का मानना है क्योंकि उनके करियर के साथ खिलवाड़ हुआ है उन्हें बहुत अधिक मानसिक वेदना हुई है और उनके भविष्य के लिए प्रैक्टिस भी खराब हुई है।