Baby was cytomegalovirus positive । मात्र 820 ग्राम प्रीमेच्योर बेबी को नया मिला नया जीवन
dr vivek gupta । neonatologist । eternal hospital
मात्र 820 ग्राम प्रीमेच्योर बेबी को नया मिला नया जीवन
मां के गर्भ में शिशु का गर्भकाल सामान्यतः 40 हफ्ते का होता है। इस अवधि को औसतन 37 से 42 हफ्तों के बीच माना जाता है।
प्रीमेच्योर डिलीवरी : यदि शिशु का जन्म 37 हफ्ते के पहले होता है, तो उसे प्रीमेच्योर (अप्राप्त वयस्कता) या समयपूर्व जन्म कहा जाता है। इस प्रकार के शिशुओं को अधिक चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है क्योंकि उनका विकास पूरी तरह से नहीं हो पाया होता है।
इटर्नल हॉस्पिटल के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेक गुप्ता ने बताया कि उनके पास एक केस सामने आया जो प्रीमेच्योर बेबी था।
28वें हफ्ते में जन्मी बच्ची को 67 दिनों तक अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि इस केस में मां को हाइपरटेंशन होने और बच्चेदानी से फ्ल्यूड के लीक होने के कारण गर्भावस्था के 28वें हफ्ते में ही डिलीवरी करनी पड़ी।
जन्म के समय बच्ची का वजन मात्र 820 ग्राम था। फेफड़े पूरी तरह विकसित न होने के कारण बच्ची सांस नहीं ले पा रही थी।
ऐसे में हमने उसे तत्परता दिखाते हुए वेंटीलेटर पर रखा और फेफड़ों के विकास के लिए आवश्यक दवाएं दीं। शिशु को नली के माध्यम से मां का दूध देना शुरू किया।
67 दिन तक हॉस्पिटल में संघर्ष करने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। हर्ष की बात है कि 1.67 किलो का वजन के साथ वह अपने घर लौटी। अनेक पेचीदगियों का सफल समाधान करते हुए केस पूरा किया। जिससे बच्ची को नया जीवन मिला।
संपर्क सूत्र : डॉक्टर विवेक गुप्ता मो +919414280670