लो ब्लड प्रेशर : कारण और समाधान low blood pressure reason and treatment
dr govind saini । gen physician
लो ब्लड प्रेशर : कारण और समाधान
ब्लड प्रेशर बार-बार लो होना एक सामान्य समस्या है, जिसे हम हाइपोटेंशन कहते हैं। जब आपके ब्लड प्रेशर का स्तर 90/60 mm Hg से कम होता है, तो इसे लो ब्लड प्रेशर माना जाता है। सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 mm Hg होता है।
लो ब्लड प्रेशर के कारण के बारे में प्रसिद्ध फिजिशियन डॉ गोविंद सैनी का कहना है कि
व्यस्त जीवनशैली और अनुचित खानपान सेहत पर विपरीत प्रभाव डाल सकते हैं।
बढ़ती उम्र : उम्र बढ़ने के साथ ब्लड प्रेशर में अस्थिरता आ सकती है।
शारीरिक अवस्था : सोते वक्त या अचानक खड़े होने पर ब्लड प्रेशर में कमी आ सकती है।
बीमारियां और विकार : सांस की गति में असमानता, थकान, चक्कर आना, पसीना आना, बेहोशी, शॉक, स्ट्रोक और हार्ट संबंधित बीमारियां।
डायबिटीज और उच्च ब्लड शुगर भी ब्लड प्रेशर को कम कर सकते हैं। वायरल, फंगल या बैक्टीरियल इंफेक्शन्स से भी ब्लड प्रेशर कम हो सकता है।
लो ब्लड प्रेशर के लक्षण
सांस की गति का कम या ज्यादा होना अत्यधिक थकान चक्कर आना पसीना आना बेहोशी शॉक और स्ट्रोक
नॉर्मल ब्लड प्रेशर कैसे बनाए रखें
पानी का सेवन बढ़ाएं : डीहाइड्रेशन से बचने के लिए दिन में कम से कम 7-8 गिलास पानी पिएं।
संतुलित आहार लें : न्यूट्रिशन से भरपूर आहार का सेवन करें।
नमक की मात्रा बढ़ाएं : खाने में नमक की मात्रा बढ़ाकर सोडियम का स्तर बनाए रखें, लेकिन अधिक मात्रा में नमक का सेवन न करें। डॉक्टर की सलाह लें।
डायबिटीज की जांच : यदि डायबिटीज या उच्च ब्लड शुगर है, तो उसकी नियमित जांच करवाएं।
संक्रमण से बचें : किसी भी प्रकार के वायरल, फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण से बचने का प्रयास करें।
निष्कर्ष यह है कि लो ब्लड प्रेशर एक सामान्य समस्या है, लेकिन इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। उचित जीवनशैली, संतुलित आहार और डॉक्टर की सलाह से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
लो ब्लड प्रेशर (हाइपोटेंशन) की दवाइयाँ विभिन्न प्रकार की हो सकती हैं, जो व्यक्ति के स्वास्थ्य स्थिति और हाइपोटेंशन के कारण पर निर्भर करती हैं।
कुछ आम दवाइयाँ इस प्रकार हो सकती हैं।
फ्लूड्रोकोर्टिसोन : यह रक्त की मात्रा बढ़ाने में मदद करती है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है।
मिडोड्रिन : यह दवा रक्त वाहिकाओं को संकुचित करती है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है।
परंतु ये दवाएं बिना डॉक्टर की सलाह के लेने से निम्नलिखित नुकसान हो सकते हैं।
अनुपयुक्त दवा का उपयोग : सही दवा और उसकी उचित मात्रा डॉक्टर द्वारा निर्धारित की जाती है। बिना सलाह के दवा लेने से गलत दवा या गलत मात्रा लेने की संभावना होती है।
साइड इफेक्ट्स : दवाइयों के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा सकते हैं। डॉक्टर साइड इफेक्ट्स को ध्यान में रखते हुए दवा निर्धारित करते हैं।
अन्य बीमारियों पर प्रभाव : यदि आपको अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ हैं, तो बिना डॉक्टर की सलाह के दवा लेना उन समस्याओं को और बढ़ा सकता है।
रोग के मूल कारण का इलाज न होना : केवल लक्षणों का इलाज करने से समस्या की जड़ नहीं हटती।
डॉक्टर कारण का पता लगाकर उचित उपचार करते हैं। हमेशा डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा न लें।
संपर्क सूत्र: डॉ. गोविन्द सैनी
मोबाइल: 94142 02598