बरसात में क्या-क्या सावधानी रखना जरुरी : डॉ. गोपाल खंडेलवाल
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बरसात में क्या-क्या सावधानी रखना जरुरी : डॉ. गोपाल खंडेलवाल
बरसात से हमे जल प्राप्त होता है। लेकिन बारिश के आगमन के साथ मौसम की मौज मस्ती के साथ अनेक समस्या और बीमारियों का निमंत्रण भी मिलता है।
श्री हॉस्पिटल के प्रसिद्ध फिजिशियन डॉ. गोपाल खंडेलवाल ने बताया कि इस मौसम में पेट के अलावा स्किन और जुकाम, बुखार जैसी समस्याएं होना आम बात है, लेकिन थोड़ी सी सावधानी बरतकर इन समस्याओं से आसानी से बचा जा सकता है।
बारिश के मौसम में दूषित खाद्य पदार्थ और दूषित पानी के सेवन से बचना चाहिए अन्यथा बैक्टीरिया हमारे शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं, जिनकी वजह से डाइरिया हो जाता है। पानी में अमीबा व वाँम्स जैसे वायरस व बैक्टीरिया बढ़ने से शरीर फ्ल्युइड को अब्जॉर्व नहीं कर पाता। इस स्थिति को वॉटरी डाइअरिया कहते हैं। कई बार प्रदूषण की वजह से खाने की चीजो में जहरीले तत्वो की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे डाइरिया होता है।
ये आमतौर पर मिल्क प्रॉडक्ट व नॉनवेज जिनमे कईं बार ये जहरीले तत्व तत्व उबालने से भी नष्ट नहीं होते। ऐसे में बचाव के लिए ताजे दूध व मक्खन का ही इस्तेमाल करें और इस मौसम में नॉनवेज खाने से बचें इस मौसम में नॉन वेज भोजन जल्दी दूषित हो जाता है। इस मौसम में कई बार कुछ दवाओं का रिएक्शन भी देखने को मिलता है।
लक्षण – बार-बार उल्टी-दस्त, पूरे शरीर में दर्द, कमजोरी व आलस्य, बुखार व सिर में दर्द होना।
सावधानियां व बचाव सफाई का पूरा ध्यान रखें। खाने से पहले और बाद में साबुन से हाथ धोएं। हैंडपंप का पानी न पिएं। पानी उबालकर पिएं या फिल्टर करके ही पिएं। खाने की चीजो को अच्छी तरह से पकाएं। बाहर बिकने वाले कटे फल, दही भल्ले, गोल गप्पे व चटनी, सलाद आदि के इस्तेमाल से बचें। फ्रूट जूस भी बाहर का तभी पिएं, जब सफाई की गारंटी हो।
बुखार और गला खराब डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर की वजह से होता है। इन मच्छरो के प्रजनन की अनुकूल जगह साफ पानी है। इन मच्छरो के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं।
डेंगू के लक्षण – ठंड लगकर तेज बुखार, सिर, मांसपेशियो, गले व आंखो के पिछले भाग में दर्द, कमजोरी, भूख न लगना, मुंह का स्वाद खराब होना, शरीर पर लाल या गुलाबी रंग के चकत्ते पड़ना आदि। बचाव-घर या ऑफिस के आस-पास पानी जमा न होने दें। अगर ऐसा संभव न हो तो पानी में केरोसिन तेल डाल दें। कूलर को सुखाकर रख दें या हर हफ्ते पानी बदलें। घर में टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन आदि न रखें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपडे पहनें।
मौसमी या बरसाती बुखार – इसे मियादी बुखार कहते हैं। बरसात के सीजन में आमतौर पर हो जाता है। छींकें, सिर भारी, नाक बहना, आंख बहना, गले का खराब होना, ठंड लगना व बदन दर्द।
उपरोक्त लक्षण दिखने पर अपने चिकित्सक से जरूर संपर्क करें
घरेलु नुस्खे – बुखार में अदरक व तुलसी का रस मिलाकर पिएं। तुलसी का रस पूरी तरह न निकले तो पिसे हुए हरे पत्ते ही अदरक के रस में अच्छी तरह घोटकर पी लें। शुगर वालो को इससे जल्दी आराम आता है। दिन में तीन चार बार पिएं, दालचीनी, काली मिर्च व सौंठ पाउडर एक-एक चुटकी लेकर शहद में मिला लें और तीन बार खायें। जिन्हें शुगर है, वे इसमें शहद की जगह तुलसी का रस डालें । इसे बीपी व हार्ट पेशेंट भी ले सकते हैं। हल्दी पाउडर गर्म दूध में डालकर लेने से बुखार व छींको में आराम आता है।
इन नुस्खों के बारे में भी आप हमसे सलाह ले सकते हैं और इन नुस्खे से ठीक नहीं होने पर भी आप डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।
सम्पर्क सूत्र डॉ. गोपाल खंडेलवाल मो. 9414078887