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डायग्नोस्टिक्स के क्षेत्र में कॉर्पोरेट सेक्टर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका : डॉ. अरविंदर सिंह

क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेगा डायग्नोस्टिक के क्षेत्र में। arth diagnostic। dr arvinder singh

डायग्नोस्टिक्स के क्षेत्र में कॉर्पोरेट सेक्टर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका

आर्थ डायग्नोस्टिक्स के सीईओ और सीएमडी डॉ. अरविंदर सिंह ने कहा कि डायग्नोस्टिक्स के क्षेत्र में आज महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं, जिसमें ऑर्गेनाइज्ड कॉर्पोरेट सेक्टर का प्रवेश महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। पहले जहां छोटी-छोटी लैब्स हुआ करती थीं, वहीं अब बड़े-बड़े कॉर्पोरेट्स इस क्षेत्र में कदम रख रहे हैं, जिससे लोगों को कई तरह के फायदे मिल रहे हैं।

कॉर्पोरेट सेक्टर के प्रवेश से डायग्नोस्टिक सेवाओं की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में वृद्धि हुई है। इन सेवाओं के अंतर्गत प्रीवेंटिव हेल्थ चेकअप्स को अब अधिक किफायती मूल्य पर उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे पैकेजों से बीमारियों की रोकथाम पर अधिक शोध और कार्य किया जा सकता है। गंभीर बीमारियों के प्रकोप और उन पर होने वाले खर्चों को कम किया जा सकता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का योगदान

डायग्नोस्टिक्स के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रवेश एक महत्वपूर्ण क्रांति है। AI की सहायता से इमेजिंग और प्रिडिक्टिव एनालिसिस सरल हो गए हैं। टेक्नोलॉजी पर इन्वेस्टमेंट भी कम हो गया है और AI पूर्वानुमान करके बीमारियों के बारे में जानकारी दे सकती है।

उदाहरण के लिए, गर्भवती महिलाओं के गर्भ की जांच प्रोब से करने में काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। अब, AI की सहायता से हल्का सा स्कैन करने पर भी पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। दूसरी तरफ, MRI और CT स्कैन की रिपोर्टों पर जहां पहले रेडियोलॉजिस्ट की बुद्धि और दिमागी क्षमता पर निर्भर रहना पड़ता था, वहीं अब AI ने इस काम को त्वरित और सरल बना दिया है।

डायग्नोस्टिक्स के क्षेत्र में कॉर्पोरेट सेक्टर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रवेश स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक प्रभावी, किफायती और सुलभ बना रहा है। इससे न केवल बीमारियों की रोकथाम और उनके प्रबंधन में सहायता मिल रही है, बल्कि गंभीर बीमारियों से बचाव और उपचार में भी क्रांतिकारी बदलाव आ रहे हैं। यह बदलाव स्वास्थ्य सेवाओं के भविष्य को नई दिशा देने में सक्षम है, जिससे समाज को अधिक स्वस्थ और समृद्ध बनाया जा सकेगा।

डॉ. अरविंदर सिंह ने दुनिया को यह साबित कर दिखाया कि अगर किसी व्यक्ति के पास अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्प हो, तो उसे कोई नहीं रोक सकता। आप एक डॉक्टर होने के साथ एक प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता हैं। हालांकि, डॉ. सिंह का जीवन आसान नहीं था। उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए बहुत संघर्ष किया। डॉ. अरविंदर सिंह ने अपने कैरियर की शुरुआत 5000 रुपये मासिक की छोटी सी नौकरी से की थी। उन्होंने आइसक्रीम बेची और कोल्ड ड्रिंक बेचने जैसे कई छोटे काम किए। वर्तमान में वे साउथ राजस्थान के सबसे अच्छे डायग्नोस्टिक सेंटर, आर्थ डायग्नोस्टिक्स के सीईओ और सीएमडी हैं।

उनकी यह यात्रा बहुत प्रेरणादायक है।

वे आज भी नई-नई डिग्रियां और पढ़ाई करने में संलग्न रहते हैं।

डॉ अरविंद सिंह का हौसला और चेहरे पर ओज  एक मिसाल है

डॉ. अरविंदर सिंह का जन्म लखनऊ में हुआ था। बचपन में उन्हें पोलियो हो गया था, जिससे वे 10वीं कक्षा तक चल नहीं सकते थे। कई सर्जरी के बाद वे चलने लगे। उनका हमेशा से डॉक्टरों के साथ संपर्क होने के कारण उन्हें डॉक्टर बनने की प्रेरणा मिली। एमबीबीएस करने के बाद वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित हुए, लेकिन पोलियो के कारण उन्हें पोस्टिंग नहीं मिली। उन्होंने पैथोलॉजी में एमडी की और अपने माता-पिता, श्री सुजान सिंह और स्वर्गीय श्रीमती राजेंद्र कौर, के सहयोग से अपने लक्ष्यों को हासिल किया।

एमबीबीएस और एमडी करने के बाद उन्होंने अपना स्वयं का डायग्नोस्टिक सेंटर शुरू किया। वैसे उन्होंने 2006 में कैट परीक्षा पास कर ली थी और आईआईएम इंदौर से एमबीए किया। उनकी यह कहानी संघर्ष और सफलता की मिसाल है।

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