प्राकृतिक प्रसव के लिए गर्भवती को तैयार करता है कोकून : डॉ महिमा बक्शी
प्राकृतिक प्रसव के लिए गर्भवती को तैयार करता है कोकून
गर्भस्थ शिशु के लिए सुरक्षा कवच होता है कोकून। गर्भवती मां के गर्भाशय का पर्याय है कोकून।
गर्भावस्था में शिशु स्वस्थ रहे और स्वस्थ जन्म लेवे इसके लिए गर्भवती को क्या किया जाना चाहिए ? गर्भवती का मन खुश रहे स्वस्थ रहे इसके लिए एक पति की क्या भूमिका होनी चाहिए ? गर्भ में पल रहे शिशु में और गर्भवती के मन की बॉन्डिंग कैसे मजबूत हो इसके लिए क्या किया जाना चाहिए ?
पर कार्यशाला का आयोजन किया गया जयपुर स्थित कोकून में।
इसमें विशिष्ट अतिथि वक्ता और लेखक, डॉ. महिमा बक्शी, जो मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य की एक प्रसिद्ध विशेषज्ञ हैं, ने भाग लिया।
डॉ. बक्शी के मास्टरक्लास में विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई, जैसे कि स्वस्थ प्रसव के लिए श्वास लेने की तकनीक और नवजात के साथ प्रारंभिक संबंधों को मजबूत करना। कार्यशाला में वार्म-अप व्यायाम, दंपति सत्र के साथ स्वस्थ प्रसव के लिए माँ और बच्चे के संबंध को महत्व दिया गया।
इस कार्यक्रम में चिकित्सकों की पैनल चर्चा और प्रश्नोत्तर सत्र भी शामिल था, जिसमें मान्यता प्राप्त विशेषज्ञों जैसे डॉ. हिमानी शर्मा (प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ), डॉ. मनीष मित्तल (नवजात विशेषज्ञ), और डॉ. केतकी (एनेस्थेटिस्ट) ने प्रसव और नवजात देखभाल से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों और प्रश्नों का समाधान किया।
कोकून अस्पताल के सीईओ, डॉ. शंकर नारंग ने कहा कि माताओं को प्राकृतिक प्रसव के लिए तैयार करना और यह सुनिश्चित करना कि भावी माता – पिता के पास इस अनुभव के लिए आवश्यक ज्ञान और आत्मविश्वास हो, हमारे केंद्र का मिशन है।
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती माँ और गर्भस्थ शिशु की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए निम्नलिखित उपाय किए जाने चाहिए :
बातें सामान्य जरूर लगेगी लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण है।
संतुलित आहार : गर्भवती महिला को पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार लेना चाहिए, जिसमें फल, सब्जियाँ, अनाज, प्रोटीन और डेयरी उत्पाद शामिल हों।
गर्भवती महिलाओं के लिए ध्यान और योग का अभ्यास किया जाना चाहिए।
डॉक्टर से नियमित जांच और सलाह लेना महत्वपूर्ण है। इससे शिशु की स्थिति और स्वास्थ्य पर नजर रखी जा सकती है।
पर्याप्त पानी पीना चाहिए ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे। पर्याप्त और आरामदायक नींद लेना आवश्यक है।
तनाव और चिंता से बचने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए रिलैक्सेशन तकनीकें और सकारात्मक सोच का अभ्यास करना मददगार होता है।