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चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
धर्म-समाज-संस्था

आध्यात्मिकता को फिर से जीवंत करने एवं परिवर्तन के लिए मुहिम

जगतपुरा होगी आध्यात्मिक कृष्णमय स्थली

अत्याधुनिक हरे कृष्ण सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण

जयपुर 23 मई (वार्ता) समाज में आध्यात्मिकता को फिर से जीवंत करने एवं परिवर्तन लाने के लिए राजस्थान की राजधानी जयपुर में अत्याधुनिक हरे कृष्ण सांस्कृतिक केन्द्र का निर्माण किया जा रहा है।

यह हरे कृष्ण सांस्कृतिक केन्द्र जगतपुरा में श्रीकृष्ण बलराम मंदिर में छह एकड़ भूमि में बनाया जा रहा है। हरे कृष्ण मूवमेंट जयपुर और मुंबई के अध्यक्ष अमितासन दास ने बताया कि इसकी लागत लगभग 150 करोड़ रुपये आने का अनुमान है। इसके निर्माण में अब तक 50 करोड़ खर्च कर दिए गए है। काम तेज गति से चल रहा है और इसके मार्च 2027 तक पूरा होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि जल्द ही यहां तीन सौ कारीगर, पत्थर के मूर्तिकार, राजमिस्त्री, संगमरमर बिछाने के विशेषज्ञ आदि के काम करने से इसके निर्माण में और तेजी आयेगी।

उन्होंने बताया कि मंदिर केवल पूजा स्थल नहीं होते बल्कि यह एक ऐसा स्थान है जहां सभी जाति, रंग, पंथ और विभिन्न आयु वर्ग के लोग आ सकते हैं और वेदों, पुराणों, रामायण और महाभारत में दिए गए ज्ञान से लाभ उठा सकते हैं।

मंदिर की वास्तुकला आधुनिक और पारंपरिक राजस्थानी वास्तुकला का मिश्रण होगी। इसमें राजस्थान के कई पारंपरिक मंदिरों और ऐतिहासिक स्मारकों में पाए जाने वाली वास्तुशिल्प की छाप भी होगी। आधुनिक वास्तुशिल्प जैसे ग्लास, जीआरसी, कंपोजिट सामग्री, फोम कास्टिंग, हल्के वजन वाले कंक्रीट आदि का भी इसमें उपयोग किया जाएगा।

इस सांस्कृतिक केंद्र को “हरित स्वर्ग” में बदलने के लिए सहजन, नीम, शीशम, पीपल, बरगद, चंदन, कदंब, रुद्राक्ष, कल्पवृक्ष, अश्वगंधा, पारिजात, एलोवेरा, मेसवाक और कई अन्य महत्वपूर्ण पौधे लगाए जा रहे हैं और पूरे परिसर में पौधारोपण किया गया। प्रदर्शनी स्थल जहां कालातीत संदेश और मूल्यों को एनीमेशन, प्रकाश और ध्वनि शो आदि का उपयोग करके प्रस्तुत किया जाएगा। केन्द्र में 30 मीटर की लंबाई के साथ सबसे बड़ी कामन छतरी होगी। इसी तरह

मयूर द्वार में पेंटिंग, पत्थर की मूर्ति और कांच जड़ाई के काम के रूप में 108 मोर रूपांकनों का प्रदर्शन किया जाएगा।

मंदिर के हॉल में एक साथ तीन हजार लोग बैठ सकेंगे। मंदिर में हाथी हौदा दरवाजे एवं सीढ़ियों के साथ छह भव्य प्रवेश द्वार होंगे। एक संग्रहालय होगा जो भारत के इतिहास और संस्कृति को दर्शाने वाली कलाकृतियां, पेंटिंग, मूर्तियां और अन्य प्रदर्शनियां प्रदर्शित करेगा।

उन्होंने बताया कि यहां विश्व शांति के लिए हरिनाम जप मंडप में आगंतुक और तीर्थयात्री 108 जाप कर सकेंगे।

कृष्ण लीला एक्सपो में भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का प्रदर्शन किया जाएगा। ये सारी विशेषता सांस्कृतिक केंद्र को एक अनूठा स्थान बना देंगी जो राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का समग्र अनुभव प्रदान करेगा। यह तीर्थयात्रा और आध्यात्मिक पर्यटन के लिए भी एक लोकप्रिय स्थल होगा। इस कारण यह केंद्र अन्य इमारतों से अलग दिखेगा।

हरे कृष्णा मूवमेंट जयपुर लोगों में ईश्वरीय चेतना जागृत करने के इसी सिद्धांत पर काम करता है। वर्डवाइड हरे कृष्णा मूवमेंट के संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपाद ने कहा “हम ईश्वर चेतना के माध्यम से मानव समाज को खुशी, अच्छे स्वास्थ्य, मन की शांति और सभी अच्छे गुणों वाले जीवन का अवसर देने का प्रयास कर रहे हैं।”

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