हड्डी रोग विशेषज्ञों ने पैरों की विकृति के उपचार के बताए तरीके
पैरों की विकृति कोई साधारण केस नहीं है। इसका प्लानिंग के साथ ही उपचार करना जरूरी: डॉ डी एस मीणा
हड्डी रोग विशेषज्ञों ने पैरों की विकृति के उपचार के बताए तरीके
जयपुर में बेसिक डिफॉर्मिटी कोर्स-2024 की कार्यशाला में हड्डी रोग विशेषज्ञों ने पैरों की विकृति के उपचार के तरीकों की जानकारी दी।
लिम्ब रिकंस्ट्रक्शन सोसायटी ऑफ राजस्थान व जयपुर औथपिडिक सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में कार्यशाला में 13 सत्रों में पैरों की विकृति के उपचार के अलग-अलग तरीके बताए गए।
प्लानिंग के अभ्यास के लिए कार्यशाला में शामिल आर्थोपेडिक्स प्रैक्टिशनर्स से पेपर पर प्लान भी बनवाए।
मुख्य आयोजक डॉ. डी.एस. मीना ने बताया कि पैरों की विकृति कोई साधारण केस नहीं है। इसका प्लानिंग के साथ ही उपचार करना होता है। पैरों की विकृति की पूरी जानकारी का पहले प्लान तैयार करें, उसके बाद ही उपचार शुरू करें, इससे अच्छे परिणाम सामने आएंगे।
उन्होंने बताया कि कार्यशाला में मुम्बई के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मंगल परिहार, केरल के डॉ. पी. एन. वासुदेवन, रोहतक के डॉ. राजेश रोहिल्ला, दिल्ली से डॉ. रवि चौहान, उदयपुर से डॉ. अकित चौहान सहित भारत के 15 से अधिक फैकल्टी हड्डी रोग विशेषज्ञ शामिल हुए, जिन्होंने चिकित्सकों को पैरों की विकृति को सही करने की प्रक्रिया सिखाई। इसमें 55 चिकित्सकों की भागीदारी थी। संपर्क सूत्र डॉ डी एस मीणा मो 9414053344