कैंसर रोग की जांच और इलाज में देखने को मिलेगा अमूल चूल परिवर्तन
dr lalit mohan sharma । medical oncologist
कैंसर रोग की जांच और इलाज में देखने को मिलेगा अमूल चूल परिवर्तन
कैंसर इलाज में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की अहम भूमिका होगी, अभी पैथोलॉजी जांच से ही अनुवांशिक कारणों का पता लगाया जा सकता है आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का इस्तेमाल मेडिकल विज्ञान में भी दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इसकी सहायता से कैंसर का शुरुआत में पता लगाना और आसान होगा। इस प्रगति पर प्रकाश डालते हुए महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ प्रोफेसर और मेडिकल ऑंकोलॉजिस्ट डॉ ललित मोहन शर्मा ने बताया कि
रेडियोलॉजी की फिल्म से बीमारी के कारण और उसकी गंभीरता भी पता लगाई जा सकती है। अनुवांशिक कारण भी तलाशे जा सकेंगे। अभी पैथोलॉजी जांच से ही अनुवांशिक कारणों का पता लगाया जा सकता है।
इस ताजिक के बारे में लोहिया संस्थान में मेडिकल आंकोलॉजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. गौरव गुप्ता ने भी कहा कि एआई कैंसर की जांच और इलाज में अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि रेडियोऑमिक्स में सीटी, एमआरआई, पेट स्कैन और एक्सरे की तस्वीरों की प्रोग्रामिक की मदद से बीमारी के पैर्टन को देखा जा सकेगा। कोशिकाओं में होने वाले बदलाव के कारणों का पता लगाया जा सकेगा। अभी तक जीन टेस्टिंग से ही बीमारी के अनुवांशिक कारणों का पता लगाया जा रहा है। यह काफी महंगी जांच है। रिपोर्ट आने में वक्त भी काफी लगता है। जबकि कैंसर मरीजों में रेडियोलॉजी से संबंधी जांच कराई जाती है। संपर्क सूत्र : डॉ ललित मोहन शर्मा मो
992-860-2244