104 वर्षीय बुजुर्ग का हर्निया का सफल ऑपरेशन
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104 वर्षीय बुजुर्ग का हर्निया का सफल ऑपरेशन
मेडिकल साइंस में पूरे विश्व में अभी तक 101 साल के बुजुर्ग के हर्निया के ऑपरेशन का उल्लेख मिला है। यह पहली बार है जब किसी 104 साल के बुजुर्ग के हर्निया का सफल ऑपरेशन किया गया है। यह बुजुर्ग तुलसीराम जी शर्मा पेशे से सेवानिवृत्ति जिला मजिस्ट्रेट है जो हर्निया से परेशान थे, लेकिन आश्चर्य की बात ये है कि आप इस उम्र में भी हर्निया के परेशानियों को झेलते आ रहे थे। जब यह परेशानियां सहन करने से बाहर हो गई, चलना फिरना मुश्किल हो गया, बिना सहारे के चल नहीं सकते थे तब इन्होंने डॉक्टर डीएस मलिक सर्जरी विभाग के निदेशक इंटरनल हॉस्पिटल से संपर्क किया।
जांच में पता चला उन्हें इंग्वाइनल हर्निया था जो कि शरीर में टिशूज के कमजोर होने से हो जाता है। उन्होंने मरीज को और मरीज के अटेंडेंट को इस उम्र में होने वाली ऑपरेशन की रिस्क फैक्टर के बारे में अच्छी तरह समझा दिया था। मरीज और परिजनों के तैयार होने पर डॉक्टर डी एस मलिक ने फिजिकल फिटनेस क्लीयरेंस ली, कार्डियक फिटनेस डॉक्टर जितेंद्र मक्कड़ से क्लीयरेंस ली क्योंकि इनका 10 वर्ष पूर्व हृदय रोग के इलाज के लिए दो स्टेंट लगाए गए थे। डॉक्टर मलिक ने बेहोशी वाले डॉक्टर से भी ग्रीन झंडी मिलते ही ऑपरेशन कर दिया।
ऑपरेशन सफल रहा डॉ मलिक का कहना है कि वैसे तो हर्निया का ऑपरेशन कोई चुनौती पूर्ण नहीं होता है लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है तो ऑपरेशन के कॉम्प्लिकेशन भी सामने आते हैं और इस मरीज में भी बड़ी उम्र के कारण ऑपरेशन चुनौती पूर्ण था लेकिन ईश्वर की कृपा से ऑपरेशन 100% सफल रहा।
मरीज तुलसीराम शर्मा ने डॉक्टर डी एस मलिक को नेक्स्ट टू गोड बताते हुए कहा कि डॉक्टर डी एस मलिक ने दर्द रहित ऑपरेशन कर मुझे नया जीवन दिया है और मैं यह कहना चाहूंगा कि डॉ मलिक ने मेरे इलाज में भगवान का कर्तव्य निभाया है। मैं जब तक इस धरती पर हूं उन्हें याद करता रहूंगा।
कुछ डॉ डीएस मलिक के इतिहास के बारे में भी जानकारी प्राप्त करी तो पता चला डॉ डीएस मलिक की स्कूलिंग शिक्षा जयपुर शहर के पुरानी बस्ती के मिशन हाई स्कूल हिंदी माध्यम से हुई उसके बाद रथखाना स्कूल गणगौरी बाजार, दरबार स्कूल और फिर महाराजा कॉलेज में एडमिशन लेकर पीएमटी की परीक्षा उत्तीर्ण कर एसएमएस मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया डॉ मलिक नवीं दसवीं में फर्स्ट डिविजनर रहे हैं और स्कॉलरशिप प्राप्त की है।
उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिताजी स्वर्गीय राधेश्याम जी मलिक जो राजस्थान स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड से सेवानिवृत हुए थे को दिया।
हमारे जयपुर के लिए गर्व की बात है कि जो जयपुरिया अस्पताल आज जिस शेप में आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है उसकी नींव रखने में डॉ डी एस मलिक का बहुत बड़ा योगदान रहा है आपने लगभग 5:50 करोड़ के डोनेशन से जयपुरिया अस्पताल को यह आकार दिया।
डॉ मलिक को 2006 में राज्यपाल प्रतिभा पाटिल द्वारा बेस्ट पीएमओ का अवार्ड 2 लाख रुपए के साथ दिया गया था उसके बाद 2012 में माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा भी बेस्ट पीएमओ के अवार्ड के साथ ₹3 लाख का कैश अवार्ड से सम्मानित किया गया जो भी उन्हें कैश अवार्ड मिला उन्होंने अस्पताल को ही डोनेट किया।
एजुकेशन में भी डॉ मालिक हमेशा अग्रणी रहे। हाल ही नवंबर 2023 में कैलिफोर्निया में वर्ल्ड कांग्रेस आफ नर्सिंग एजुकेशन एंड प्रैक्टिस, पीडियाट्रिक एंड नियो नेटोलॉजी की कॉन्फ्रेंस में भारत से एकमात्र स्पीकर के रूप में भाग लिया जिससे हमारे भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी। डॉ मलिक के अनेक देशों में पेपर प्रेजेंटेशन भी हुए हैं।
उन्होंने अंत में जनता को यह संदेश दिया कि किसी भी बीमारी के इलाज में उम्र कोई पड़ाव नहीं है इस धरती पर जीवन के अंत तक स्वस्थ जीवन जीने का अधिकार भगवान ने दिया है और मेडिकल साइंस की तरक्की के चलते अब ता उम्र स्वस्थ रहा सकता है।
संपर्क सूत्र: डॉ डी एस मलिक मो +919829122957