क्लिनिकल फार्मासिस्ट की होगी डिमांड
क्लिनिकल फार्मासिस्ट की होगी डिमांड
फार्मेसी कॉलेज में अब लागू नए नियम, छात्रों के लिए भी नया सिस्टम
देश में फार्मेसी कॉलेज के लिए सरकार ने नया नियम निकाला है और इस संबंध में गजट प्रकाशित कर दिया गया है। गजट के अनुसार हर सत्र में आधार नंबर से ऑन लाइन सत्यापन कराना अनिवार्य होगा।
पटना। देश में फार्मेसी की गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने नए प्रावधान किए। इसके तहत अब सभी सरकारी-निजी कालेजों या विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और छात्र-छात्राओं के लिए हर सत्र में आधार नंबर से आनलाइन सत्यापन कराना अनिवार्य होगा।
इस नई व्यवस्था का उद्देश्य फार्मेसी शिक्षा में फर्जी छात्रों और फर्जी प्रोफेसरों को बाहर कर योग्य फार्मासिस्ट तैयार करना है। नई व्यवस्था के तहत अब एक शिक्षक एक संस्थान में पढ़ा पाएंगे। ऐसे में फार्मेसी संस्थानों को उन्हें सम्मानजनक मानदेय पर पूरे समय के लिए नौकरी पर रखना होगा।
डिप्लोमा फार्मासिस्ट आर्गेनाइजेशन छात्र शाखा के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद कुमार चौधरी ने केंद्र सरकार द्वारा प्रकाशित गजट का स्वागत किया है। उन्होंने राज्य सरकार व फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया से आग्रह किया है कि गजट के निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए।
वैक्सीन-दवा निर्माण के साथ उपचार में भी दे सकेंगे योगदान
डिप्लोमा फार्मासिस्ट आर्गेनाइजेशन के महासचिव शिवेंद्र प्रसाद ने कहा कि फार्मासिस्ट का कार्य केवल अस्पतालों में दवा वितरण नहीं है। कोरोना समेत तमाम रोगों के वैक्सीन निर्माण व नई दवाओं के निर्माण में इनका विशिष्ट योगदान होता है।
इसके अलावा अब एम्स, नई दिल्ली व देश के बड़े कारपोरेट अस्पतालों में क्लीनिक फार्मासिस्ट पद पर नियुक्ति की जा रही है, जो मरीजों के अनुसार दवाओं का निर्धारण करते हैं।
फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष महावीर सोगानी के अनुसार गजट के लागू होने के बाद फार्मेसी शिक्षा से फर्जीवाड़ा जड़ से समाप्त हो जाएगा। फार्मेसी शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी और व्यवस्था सुदृढ़ होगी और इस कदम के साथ, एक शिक्षक एक संस्थान में पढ़ाएगा, जो उच्च गुणवत्ता की फार्मासिस्टों की तैयारी को प्रोत्साहित करेगा। इसमें शिक्षा के साथ अस्पतालों और फैक्ट्रियों में नई दवाओं के निर्माण तक और कई क्षेत्रों में फार्मासिस्टों का योगदान होगा।