वर्ल्ड हार्ट डे विशेष : याद किया, असमय मौत से बचाई अब्दुल की जान : डॉ आरिफ खान
dr arif khan heart specialist
रोग के सही निदान और सटीक उपचार से बच पाई अब्दुल की जान
रामगंज निवासी नाम अख्तर उम्र 53 को चलने में तकलीफ होने लगी दो कदम भी चलना दुश्वर हो गया था। बैठे रहने में भी बेचैनी होती थी। रात को नींद खुल जाती थी और भयंकर सीने में दर्द होता था। घुटन होती थी। सांस लेना मुश्किल होता था। उसे यह लगने लगा कि अब तो अल्लाह अपने पास बुला ही ले। बेहद गरीब परिवार से अख्तर है और उसका बच्चा भी ठेला लगा करके जीवन यापन करता है। उसने नजदीक ही अपने डॉक्टर आरिफ खान को दिखाया। डॉक्टर आरिफ खान ने क्लिनिकल ऑब्जेवेशन कर संदेह किया कि उसकी दिल की दीवार से संबंधित तकलीफ हो सकती है और उसकी 2 डी इको और हार्ट की एमआरआई करवाई। जांच कर पाया कि उसके दिल की बीच वाली दीवार मोटी हो गई थी जिसकी वजह से दिल के कमरे का साइज छोटा हो जाता है तो यह लक्ष्ण उभरते हैं।
उन्होंने बताया कि इस बीमारी को HOCM यानी हाइपरट्रॉफिक ऑब्स्ट्रक्शन कार्डियोमायोपैथी कहते है। बीमारी का संदेह कर उसकी 2D eco जांच और हार्ट की एम आर आई कराने से उनका संदेह सही निकला।
इलाज के अंतर्गत उसकी दिल की दीवार में एक विशेष प्रकार की दवाई को इंजेक्ट कराया यह प्रक्रिया की होल एंजियोग्राफी तकनीक (key hole angiography technology) से की गई।
तीन छह महीने में अख्तर की दिल की दीवार ने अपना पुनः नॉर्मल साइज प्राप्त कर लिया। और वह स्वस्थ हो गया।
मरीज अख्तर का मोबाइल नंबर 869620 6891 है।
मरीज अख्तर और उसके परिजनों ने कहा कि डॉक्टर आरिफ खान हमारे लिए गरीबों के मसीहा ही बन कर सामने आए ।
इलाज के दौरान उसकी दिल की धड़कन बंद हो गई थी तो उसे तुरंत टेंपरेरी पेसमेकर के जरिए धड़कन को चलाए रखते हुए नया पेस मेकर लगाया गया।
इलाज के दौरान विडंबना यह भी थी कि इतना महंगा इलाज अख्तर कैसे अफोर्ड कर पाएगा तो
शुक्र है राजस्थान के यशस्वी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की चिरंजीवी निशुल्क स्वास्थ्य योजना का , जिसके अंतर्गत गरीब अख्तर का इलाज कर उसकी जान बचाई गई।
डॉक्टर आरिफ खान ने बताया कि इस तरह की केसों में 5 से 10 परसेंट मरीजों में कॉम्प्लिकेशन होने की संभावना रहती है इसलिए अत्यंत सावधानी से यह ऑपरेशन करना पड़ता है। इस बीमारी के कारण के बारे में उन्होंने कहा कि जिन लोगों को लंबे समय तक ब्लड प्रेशर रहता है उन्हें यह बीमारी होने की आशंका रहती है इसके अलावा अनुवांशिक भी इसका एक कारण होता है और यह बीमारी 1000 रोगियों में से 8 से 10 लोगों को पाई जाती है डरने घबराने की जरूरत नहीं कॉम्लिकेशंस हर किसी को नहीं होते।
उन्होंने यह संदेश दिया कि हदय रोगियों में यदि इस तरह के लक्षण हो तो एक बार H O C M नामक बीमारी का संदेह कर रूल आउट किया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि डॉक्टर आरिफ खान जे एल एन मेडिकल कॉलेज अजमेर से एमबीबीएस करने के बाद हैदराबाद अपोलो से फैलोशिप की और इसके साथ ही आपने किम्स हॉस्पिटल हैदराबाद में अपनी सेवाएं हार्ट ट्रांसप्लांट स्पेशलिस्ट के रूप में भी दी हैं भारत में गिने-चुने ही हार्ट ट्रांसप्लांट स्पेशलिस्ट है उनमें से आप एक है।
अभी वर्तमान में डॉक्टर आरिफ खान अपनी नियमित सेवाएं इटरनल हॉस्पिटल जयपुर में दे रहे हैं और गरीब लोगों की मदद के लिए रामगंज बाजार में क्लीनिकल ओपीडी सेवाएं भी दे रहे हैं वहां उनके पास गरीब तबके का मरीज इलाज के लिए परामर्श और हदय रोग से बचाव के लिए खूब आते हैं। गरीब मरीज के उपचार के लिए डॉक्टर आरिफ खान कोई शुल्क नहीं लेते हैं
संपर्क सूत्र डॉक्टर आरिफ खान 9599 45 8 806