बेन स्ट्रोक को पहचानने के लिए बहुत महत्वपूर्ण बिंदु
उच्च रक्तचाप भी बन सकता है ब्रेन स्ट्रोक का कारण
शरीर में रक्त प्रवाह में किसी तरह की बाधा आपको भारी नुकसान पहुंचा सकती है। आपकी जान भी जा सकती है। खासकर उस स्थिति में जब मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति बाधित होती हो।
राजस्थान की सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन डॉ. देवेन्द्र पुरोहित का कहना है कि ब्रेन स्ट्रोक किसी बाधा के कारण इश्चेमिया (रक्त संचार में कमी) या फिर हेमरेज (रक्तस्त्राव) के कारण होता है। हलांकि एक आम इंसान को ब्रेन स्ट्रोक के बारे में पता नहीं होता। इसके क्या प्रभाव होते हैं, इसके होने पर तुरन्त क्या करना चाहिए, क्या इसका इलाज संभव है आदि बातों से वह पूरी तरह से अंजान रहता है।
वैसे एक आम इंसान के सामने सबसे जरूरी सवाल तो यही होता है कि ब्रेन स्ट्रोक के सामान्य लक्षण क्या हैं?
तनाव, मधुमेह, धूम्रपान, मोटापा, उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर और हृदय रोग ब्रेन स्ट्रोक के लिए प्रमुख खतरे हो सकते हैं।
ब्रेन स्ट्रोक के सामान्य लक्षण – बांह में कमजोरी :
स्ट्रोक के मरीज को एक या दोनों बांहों में सुन्न होने या कमजोरी का एहसास हो तो जरूर डॉक्टर को दिखाना चाहिए। याद रहे सुन्न होने की स्थिति में मरीज का हाथ उपर नहीं उठता।
चेहरे का झुकना :
मरीज का चेहरा एक तरफ झुक जाए या फिर चेहरा सुन्न हो जाए तो समझ लीजिए मामला गंभीर है।
इस दौरान आप उसे हंसने के लिए कहें, यदि वह ऐसा न कर सके तो तुरन्त अस्पताल ले जाएं।
बोलने में परेशानी :
स्ट्रोक के दौरान यदि मरीज को बोलने में परेशानी होती है, साधारण से सवाल का वह जवाब नहीं दे पाता, तो समझिए की उसे डॉक्टर की जरूरत है।
सन्तुलन खोना शरीर को सन्तुलित करने में परेशानी, सीधे खड़ा नहीं हो पाना या चलने में परेशानी आदि ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण हैं।
यदि सामान्य अवस्था में थोड़े समय के लिए याददाश्त भी चली जाती है तो समझे यह बीमारी होने वाली है। कई बार आंखों के सामने अंधेरा छा जाना और चक्कर आना भी ब्रेन स्ट्रोक की वजह हो सकती है।
संपर्क सूत्र
डॉ देवेन्द्र पुरोहित
मो. 98291 90335