विशेष
चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
Physiotherapy / फिजियोथेरेपीहैल्थ

लकवा ग्रस्त मरीजों को पुन सक्रिय बनाने के लिए उन्हें फिजिकल और मेंटली दोनों तरीके से उपचार देकर ठीक किया जाता है

dr hemant jain

काशवी फिजियोथैरेपी क्लिनिक हीलिंग हैंड्स केयरिंग हार्ट के फिजियोथैरेपिस्ट डॉक्टर हेमंत जैन ने बताया कि उनके पास
एक चुनौतीपूर्ण केस सामने आया। मामले में एक 23 वर्षीय युवक को ब्रेन हेमरेज के कारण शरीर के बाएं हिस्से में लकवा आ गया था। उसका बायां भाग काम नहीं करने से वह अपने पैरों पर स्वयं खड़ा नही हो सकता था। ब्रेन हेमरेज का इलाज उसने एक नामी सर्जन से लिया उन्होंने युवक को नया जीवन तो दिया लेकिन गम यह रहा कि ऑपरेशन के बाद सीटी स्कैन रिपोर्ट के आधार पर कहा गया कि मरीज की स्थिति बाएं शरीर में लकवा ग्रस्त ही रहेगी, युवक के लकवा ग्रस्त हिस्से में सेंसेशन भी नहीं था। युवक के परिजनों की आंखों में आसूं बहने लगे उन्हें खुशी के साथ गहरा दुख हुआ कि उनका मात्र 23 साल का युवा पुत्र की अब पूरी जिंदगी ऐसी गुजरेगी। युवक को अनेक चिकित्सकों को दिखाया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। हमने एक विशेष रिहैबिलिटेश प्रोग्राम बनाकर उसे थेरेपी देनी शुरू की जिसमें
सेंसेशन इंप्रूव करने के लिए सेंसरी इंटीग्रेशन अप्रोच।
न्यूरो फिजियोथैरेपी की।
मोटर री-लर्निंग अप्रोच इस्तेमाल की।
टास्क ओरिएंटेड अप्रोच का इस्तेमाल किया और वेट बीयरिंग एक्सरसाइज करवाई। डॉक्टर जैन ने कहा कि इस तरह के केस में सिंगल अप्रोच काम नहीं करती मल्टी अप्रोच से ऐसे मरीजों को ठीक किया जाता है उन्होंने साथ में यह भी कहा कि लकवा ग्रस्त मरीजों को पुन सक्रिय बनाने के लिए उन्हें फिजिकल और मेंटली दोनों तरीके से उपचार दिया जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे मरीजों में पॉजिटिव वाइब का होना अति आवश्यक है। उन्होंने दावा किया लकवा ग्रस्त मरीज पुनः रिकवर हो सकता है बस जरूरी है तो समर्पण भावना से फिजियोथैरेपी द्वारा इलाज की।
इस प्रकार फिजियोथेरेपी से उनमें धीरे धीरे इंप्रूवमेंट आने लगा। आज वह लकवा ग्रस्त युवक अपने दैनिक दिनचर्या के काम करने में स्वयं सक्षम में बिना किसी सहारे के चल सकता है नहा सकता है घूमने जा सकता है अपने सारे कार्य निपटा सकता है।

हमें खुशी नहीं गर्व है कि जिस लकवा ग्रस्त युवक को कह दिया गया था कि वह बिना सहारे के अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाएगा आज वह आत्म निर्भरता से जीवन यापन कर रहा है।
उसके जीवन गुणवत्ता में काफी सुधार प्राप्त हुआ।

संपर्क सूत्र डॉक्टर हेमंत जैन मो +91 90248 59996

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