500 फीट की ऊंचाई पर विराजमान हैं गुप्तेश्वर महादेव
ग्वालियर। जिला मुख्यालय से लगभग 10किलोमीटरकी दूरी पर स्थित 500 फीट की ऊंचाई पर पहाड़ी पर गुप्तेश्वर महादेव अपने परिवार के साथ विराजित हैं। मंदिर पर लगभग 84 सीढ़िया चढ़कर मंदिर तक श्रद्धालु पहुंचते हैं। गुप्तेश्वर पहाड़ी पर भगवान शिव के अालोकिक दर्शन व चारों तरफ का शांत वातावरण शिवभक्तों को सुकुन प्रदान करता है।श्रवण मास में यह पहाड़ी भी हरियाली की चादर ओढ़ ली थी। गुप्तेश्वर मंदिर श्रवण मास में काफी संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। भगवान शिव की कृपा पाने के लिए पूरे मास बलपत्र अर्पित करते हैं। सोमवार को नियमित दर्शन करने के लिए शिवभक्त आते हैं। इसके साथ ही महाशिवरात्रि को यहां मेला लगता है। और भगवान शिव की बारात धूमधाम के साथ निकाली जाती है।
मंदिर का इतिहास- गुप्तेश्वर महादेव के प्रकट होने का किदंवती लगभग 500 वर्ष पूर्व की है। मंदिर से जुड़े लोगों ने बताया कि पहाड़ी पर चारों तरफ घना जंगल था। हिंसक जीवों का भी बसेरा था। आसपास के चरवाहे यहां अवश्य अपने पशु चराने के लिये पहाड़ी पर लेकर जाते थे। चरवाह पशु लेकर गया। एक गायों के स्तनों से दूध स्वयं गिरने लगा। चरवाहे स्तब्ध और भयभीत हो गये। इसी बीच आसमान से बिजली चमकाने लगे। चरवाहों ने हिम्मत जुटाकर जिस स्थान पर गाय का दूध गिर रहा था। उस स्थान का साफ किया गया तो शिवलिंग प्रकट हुई। भगवान शिव के प्रकट होने की बात चारों तरफ फैल गई। लोग दर्शनों के लिए पहुंचने लगे। और उसी स्थान पर शिवलिंग की स्थापना कर दी गई। महादेव गुप्त रूप से प्रकट हुए थे। इसलिए उनका नाम गुप्तेश्वर पड़ गया। यह बात सिंधिया राजपरिवार तक पहुंची। उसके बाद यहां मंदिर का निर्माण कराया गया। और माता पार्वती, भगवान श्री गणेश व नंदी महाराज की स्थापना की गई।
स्टेट काल में हुआ मंदिर का निर्माण
मंदिर के पुजारी अशोक बित्थारिया ने बताया कि यहां का दृश्य बहुत सुंदर और रमणीय है। स्टेट काल में मंदिर का निर्माण कर पहाड़ को काटकर दो कुंड बनाये गये। एक कुंड श्रद्धालुओं के स्नान के लिये दूसरा भगवान की पूजा-अर्चना के लिए लिये। इन कुंडों में पानी पहाड़ से बारिश का पानी आता है। पहले दुर्गम पहाड़ी पर चढ़कर भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए जाना पड़ता है। अब रास्त सुगम हो गया है। पैदल के साथ वाहनों से भी यहां पहुंचा सकता है।
गुप्तेश्वर महादेव के दर्शन करने से सुकुन व शांति मिलती है
गुप्तेश्वर मंदिर पर नियमित रूप से जाने वाले जवाहर प्रजापति ने बताया कि गुप्तेश्वर मंदिर के दर्शन करने से मात्र से विचलित मन शांत हो जाता है। और महादेव यहां आने वाले हरभक्त की मनोकामना भी पूर्ण करते हैं। ऐसे एक नहीं सैकड़ों उदाहरण हैं, जिनके जीवन में गुप्तेश्वर महादेव के दर्शन मात्र से बदल गया। सुख वैभव के साथ जीवन यापन कर रहे हैं। इस स्थान पर लोग दर्शन करने के साथ पिकनिक मनाने के लिए भी आते हैं।