सभी म्यूजियम अपग्रेड करेगी स्मार्ट सिटी एआइ का होगा उपयोग
ग्वालियर। ग्वालियर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए महाराज बाड़ा पर बने हुए डिजिटल म्यूजियम एवं प्लेनेटोरियम, अटल म्यूजियम, निर्माणाधीन इंडस्ट्रियल म्यूजियम के साथ ही मोतीमहल स्थित नगर निगम संग्रहालय को भी अपग्रेड किया जाएगा। इसके लिए दिल्ली में प्रधानमंत्री संग्रहालय को डेवलप करने वाली एजेंसी से मार्गदर्शन लिया गया है। कार्पोरेशन ने इसके लिए सात करोड़ 75 लाख 56 हजार 923 रुपए का बजट निर्धारित किया है और इसके टेंडर भी जारी कर दिए हैं। आगामी छह जुलाई को टेंडर खोलकर अपग्रेडेशन करने वाली ठेकेदार फर्म का चयन किया जाएगा। शर्तों के अनुसार इन संग्रहालयों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का भी उपयोग करने पर जोर दिया गया है।
महाराज बाड़ा अब संग्रहालयों का हब बनता जा रहा है। यहां गोरखी परिसर में डिजिटल म्यूजियम एवं प्लेनेटोरियम, अटल म्यूजियम बनाकर तैयार किए गए हैं। इसके साथ ही शासकीय प्रेस बिल्डिंग में इंडस्ट्रियल म्यूजियम का निर्माण अभी चल रहा है। ये सभी कार्य स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन ने कराए हैं, जबकि जियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया ने विक्टोरिया मार्केट में देश का पहला जियो साइंस म्यूजियम की पहली गैलरी तैयार कर दी है और दूसरी गैलरी का कार्य चल रहा है। अब स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन ने अपने संग्रहालयों को अपग्रेड करने की कवायद शुरू की है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है। इसे क्वालिटी एंड कास्ट बेस्ड सेलेक्शन (क्यूसीडीएस) माडल पर किया गया है यानी टेक्निकल क्वालिटी के 70 प्रतिशत और फाइनेंशियल क्वालिफिकेशन के 30 प्रतिशत अंक दिए जाएंगे।
संग्रहालयों में ये होंगे बदलाव
-आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल कर संग्रहालयों की थीम तैयार कराई जाएंगी।
-साउंड सिस्टम इंप्रूव किया जाएगा, ताकि सैलानी म्यूजियम के समां में बंध जाएं।
-लाइटिंग में भी बदलाव होगा। गैलरियों के इंटीरियर को भी चेंज किया जाएगा।
-प्रधानमंत्री संग्रहालय की तर्ज पर नई स्क्रीन और टेक्नोलाजी का उपयोग होगा।
चयनित कंपनी ही करेगी प्लान
कार्पोरेशन ने अभी सिर्फ क्यूसीडीएस माडल तय किया है। इसमें कंपनी को स्वतंत्रता दी गई है कि वे अपने हिसाब से संग्रहालयों को अपग्रेड करने का बेहतर से बेहतर प्लान तैयार करें। जिस कंपनी का प्लान बेहतर और टेक्निकल रूप से ज्यादा मजबूत होगा, उसी का चयन किया जाएगा। इसमें थोड़ा-बहुत सिविल वर्क करने का भी प्रविधान किया गया है।