रोबोट से की मोटापे व वजन को कम की जाने वाली बेरियाट्रिक सर्जरी
सर्जरी की डॉ राजेंद्र बागड़ी और उनकी टीम ने
रोबोट से की मोटापे व वजन को कम की जाने वाली बेरियाट्रिक सर्जरी
जयपुर | राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस में रोबोट से पहली बार बेरियाट्रिक सर्जरी की गई है।
वैसे तो जनरल सर्जरी विभाग में रोबोट से अब तक 44 सर्जरी की जा चुकी हैं लेकिन बेरियाट्रिक सर्जरी पहली बार संपन्न की है। हॉस्पिटल के सीनियर सर्जन डॉ. राजेन्द्र बागड़ी ने बताया कि रोबोट से बेरियाट्रिक सर्जरी में करीब 1.5 घंटा लगा, जबकि बिना रोबोट के इसे करने में करीब तीन घंटे तक लग जाते हैं।
रोबोटिक सर्जरी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इंफेक्शन रेट बहुत कम रहता और सफलता प्रतिशत बढ़ जाती है। एस एम एस हॉस्पिटल के मीडिया प्रभारी डॉ. देवेन्द्र पुरोहित ने बताया कि इस सर्जरी में डॉ. राजेंद्र बागड़ी, सहायक सर्जन डॉ. अमित जैन, डॉ. रोहित गुप्ता, डॉ.नरेंद्र शर्मा, डॉ. दिनेश चांदा, डॉ. नवीन सैनी, डॉ. रितेश कुमार, डॉ. सुनील चौहान व डॉ. रजनीश आदि थे।
बेरियाट्रिक सर्जरी, जिसे मोटापे से पीड़ित व्यक्ति के लिए मान्यता प्राप्त चिकित्सा प्रक्रिया माना जाता है।
बेरियाट्रिक सर्जरी, मोटापे के संबंध में चिकित्सा प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य वजन कम करना होता है।
इसके अंतर्गत……
बेरियाट्रिक सर्जरी कब की जानी चाहिए , इसका निर्णय प्रमुख चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है, जो मरीज की व्यक्तिगत स्थिति, मोटापे का स्तर, संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का मूल्यांकन आदि करके निर्धारित करते हैं।
बेरियाट्रिक सर्जरी एक प्रमुख इलाज पद्धति होने के साथ-साथ यह ध्यान में रखना भी जरूरी है कि व्यक्ति इस प्रक्रिया के बाद भी जीवनशैली परिवर्तनों के साथ अनुकरण के लिए अनुशासित होने को तैयार हैं।
बेरियाट्रिक सर्जरी की प्रक्रिया क्या है…….
बेरियाट्रिक सर्जरी, का उद्देश्य मोटापे के कारण हुए वजन को कम करना होता है। यह चिकित्सा प्रक्रिया चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा संचालित की जाती है। इस प्रक्रिया में अक्सर निम्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है……
गैस्ट्रिक बाइपास (Gastric Bypass):
इस प्रक्रिया में, पेट के ऊपरी हिस्से को छोटा बनाया जाता है और उसे निचले हिस्से से अलग कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया में आहार की पचन कम होती है और वजन घटाने में मदद मिलती है।
गैस्ट्रिक स्लीव (Gastric Sleeve):
इस प्रक्रिया में, पेट का एक बड़ा हिस्सा निकाल दिया जाता है, जिससे पेट का आकार कम होता है। यह प्रक्रिया आहार की मात्रा को कम करने और भूख को नियंत्रित करने में मदद करती है।
गैस्ट्रिक बैंडिंग (Gastric Banding):
इस प्रक्रिया में, पेट के ऊपरी हिस्से के आसपास एक बैंड को स्थापित किया जाता है। यह बैंड पेट के आकार को सीमित करके भूख को कंट्रोल करता है। जिससे आपको वजन कम होने में मदद मिलती है।