एस एम एस हॉस्पिटल के चिकित्सकों और व्यवस्था पर भरोसे के कारण युवक असमय मौत से बचा : डॉ देवेंद्र पुरोहित
8 इंची चाकू पेट से 3 घंटे की मशक्कत से सफलता पूर्वक निकाला : डॉ राजेंद्र बागड़ी
एस एम एस हॉस्पिटल पर चिकित्सकों और व्यवस्था पर भरोसे के कारण युवक असमय मौत से बचा : डॉ देवेंद्र पुरोहित
एस.एम.एस अस्पताल में युवक के पेट से आठ इंच का चाकू निकाला
जयपुर (कास)। राजधानी के सवाई, मानसिंह अस्पताल में जनरल सर्जरी डिपार्टमेंट के डॉक्टर्स ने एक युवक के पेट में घुसा 22 सेंटी मीटर यानि 8 इंच से ज्यादा के धारदार चाकू को करीब तीन घंटे तक अपरेशन करके बाहर निकाल दिया।
क्रिटिकल स्थिति यह थी कि चाकू घुसने से युवक के पेट, बड़ी आंत और पेंक्रियाज को काफी नुकसान पहुंचा था, जिसे रिकवर किया गया। ऑपरेशन के बाद युवक की हालत ठीक है।
एसएमएस के मीडिया प्रभारी डॉ. देवेन्द्र पुरोहित ने बताया कि 24 जून की रात करीब 11 बजे चाकसू में टोंक निवासी 22 वर्षीय आकाश मीना का ढाबे पर खाना खाने के दौरान किसी व्यक्ति से विवाद हो गया। इस विवाद में सामने वाले व्यक्ति ने उसके पेट में चाकू घोंप दिया। चाकू पेट और आंत को चीरता हुआ अंदर जाकर फंस गया।
50 किलोमीटर दूर से स्थानीय लोग और सहयोगी घायल युवक को बाइक पर लेकर एस.एम.एस. अस्पताल पहुंचे थे।
जनरल सर्जरी डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ. राजेन्द्र बागड़ी ने बताया कि मौके पर एम्बुलेंस नहीं मिलने पर आकाश को स्थानीय लोग और उसके सहयोगी बाइक पर चाकसू से करीब 50 किलोमीटर दूर एसएमएस ट्रॉमा सेंटर लेकर रात करीब 2 बजे पहुंचे। उन्हें एस एम एस की टीम और व्यवस्था पर गहरा विश्वास था। मरीज की सूचना पर डॉक्टरों की टीम सुबह जल्दी पहुंच गई और मरीज को संभाला। भर्ती के दौरान भी जूनियर चिकित्सकों ने सीनियर चिकित्सको से संपर्क बना कर मरीज को संभाल लिया।
3 घंटे चला ऑपरेशन
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सभी जांच और प्रोसेसिंग करने के बाद सुबह 9 बजे मरीज का ऑपरेशन शुरू किया।
ऑपरेशन दोपहर 12 बजे तक ‘चला। मरीज की पैंक्रियाज, बड़ी आंत, पेट, आर्टरी काफी डैमेज हो गई थी। जिससे बहुत खून बह गया था। इस कारण इन सभी को रिपेयर करके शरीर की मेन आर्टरी के पास फंसे 22 सेंटीमीटर के चाकू को बाहर निकाला गया।
ऑपरेशन की टीम में सर्जरी विभाग से डॉ. नरेंद्र शर्मा, डॉ. दिनेश चान्दा, डॉ. रितेश कुमार, डॉ. नवीन सैनी, डॉ. आशिमा, डॉ. राजेंद्र यादव, डॉ. नितिन, डॉ. आयुष और एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. चंचल जिंदल, डॉ. रोहन गर्ग और डॉ. सागर ने भी सहयोग दिया।
संपर्क सूत्र : डॉ देवेंद्र पुरोहित मो 98291 90335