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तीन माह भी नहीं चली टूरिस्ट यात्री बसों की आनलाइन परमिट सेवा

 इंदौर। परिवहन विभाग ने टूरिस्ट यात्री बसों के लिए शुरू की गई आनलाइन परमिट की सेवा को एक सप्ताह पहले बंद कर दिया। यह व्यवस्था तीन माह भी नहीं चल सकी। अब टूरिस्ट परमिट लेकर बस चलाने वाले संचालकों को परिवहन कार्यालय से परमिट जारी करवाना होगा। इसके लिए आपरेटरों को विभाग के चक्कर लगाने पड़ेंगे। पहले चंद मिनटों में घर बैठे आनलाइन परमिट जारी हो जाता था।

मप्र परिवहन विभाग द्वारा पूरे प्रदेश के टूरिस्ट यात्री बसों की आनलाइन परमिट की सेवा को मार्च में शुरू किया गया था। इस व्यवस्था के कारण विवाह, धार्मिक यात्रा और पर्यटन स्थलों की सैर के लिए बस सेवा मुहैया कराने वाले आपरेटरों को बहुत फायदा हो रहा था।

कार्यालय खुलने का इंतजार नहीं करना पड़ता था

प्राइम रूट बस आनर्स एसोसिएशन के महासचिव सुशील अरोरा का कहना है कि तुरंत बुकिंग होने पर आपरेटर आनलाइन परमिट जनरेट कर बस को भेज सकते थे। दूसरे दिन कार्यालय खुलने का इंतजार करने की आवश्यकता नहीं होती थी। जून में आनलाइन व्यवस्था को बंद कर पुरानी मैनुअल व्यवस्था शुरू कर दी गई है। अब आपरेटर को परमिट के लिए परिवहन कार्यालय खुलने का इंतजार करना होगा।

बस आपरेटर कर रहे थे खेल

जानकारों का कहना है कि कुछ आपरेटर बिना परमिट के बसें भेज देते थे या कम दिन का परिमट बनाकर बसें चलाते थे। जब चेकिंग में बस पकड़ाती, तो तुरंत परमिट जनरेट कर लेते। इसे देखते हुए पुरानी व्यवस्था को बहाल कर दिया।

सेवा का दुरुपयोग कर रहे थे

आनलाइन टूरिस्ट यात्री बसों की परमिट सेवा का कई बस आपरेटर दुरुपयोग कर रहे थे। इसकी जानकारी विभाग के पास लगातार पहुंच रही थी, इसलिए मुख्यालय स्तर से ही इस व्यवस्था को बंद किया गया है। कार्यालय में आवेदन करने पर परमिट जारी हो रहे है। – प्रदीप कुमार शर्मा, आरटीओ

परिवहन आयुक्त से मिलेंगे

टूरिस्ट बसों की आनलाइन परमिट सेवा को बहाल करने के लिए परिवहन आयुक्त से मुलाकात की जाएगी। पहले बुकिंग होते ही तुरंत परमिट लेकर बस भेज देते थे। अब दूसरे दिन परमिट बनाने के बाद भेजना पड़ रहा है। – गोविंद शर्मा, अध्यक्ष प्राइम रूट बस आनर्स एसोसिएशन

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