घुटनों का दर्द और उसका समाधान : डॉ भार्गव आधुनिक जीवनशैली में क्यों बढ़ रही है यह समस्या?
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घुटनों का दर्द और उसका समाधान : डॉ भार्गव
आधुनिक जीवनशैली में क्यों बढ़ रही है यह समस्या?
डॉ. राजीव भार्गव, प्रमुख अस्थि रोग विशेषज्ञ एवं ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन, इटरनल हॉस्पिटल, बताते हैं कि आजकल की आधुनिक जीवनशैली – जैसे कि लंबे समय तक बैठकर काम करना, शारीरिक गतिविधियों की कमी, गलत खानपान और मोटापा – कम उम्र में ही जोड़ों में दर्द की समस्या को जन्म दे रही है। यह चिंता का विषय है, लेकिन समय रहते जागरूक होकर हम इस पर नियंत्रण पा सकते हैं।
कब ज़रूरत होती है घुटने के कृत्रिम अंग (Joint Replacement) की?
जब घुटनों में दर्द इतना बढ़ जाए कि दवाइयों, व्यायाम या फिजियोथेरेपी से आराम न मिले, और रोज़मर्रा की गतिविधियां जैसे चलना, सीढ़ियाँ चढ़ना या उठना-बैठना मुश्किल हो जाए, तब घुटने की आर्थ्रोप्लास्टी (Knee Replacement Surgery) की सलाह दी जाती है।
सर्जरी कैसे होती है?
यह ऑपरेशन आमतौर पर 1-2 घंटे का होता है।
पहले मरीज को एनेस्थीसिया (निश्चेतक) दिया जाता है ताकि सर्जरी के दौरान कोई दर्द महसूस न हो।
घुटने पर एक चीरा लगाकर क्षतिग्रस्त हड्डी और उपास्थि को हटाया जाता है।
इसके बाद उस स्थान पर कृत्रिम अंग को विशेष प्लेट्स या स्क्रू की मदद से सुरक्षित रूप से फिट किया जाता है।
फिर घाव को टांकों से बंद कर उचित पट्टियाँ लगाई जाती हैं।
संपर्क सूत्र : डॉ. राजीव भार्गव मो 9829015752