जयपुर के राज मंदिर सिनेमा हॉल और ‘शोले’ की गोल्डन जुबली का भव्य समारोह आयोजित

जयपुर के राज मंदिर सिनेमा हॉल और ‘शोले’ की गोल्डन जुबली का भव्य समारोह आयोजित
जयपुर के प्रतिष्ठित राज मंदिर सिनेमा हॉल ने 9 मार्च 2025 को अपनी 50वीं वर्षगांठ मनाई, जो शहर के सांस्कृतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस अवसर पर रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित क्लासिक फिल्म ‘शोले’ की विशेष स्क्रीनिंग आयोजित की गई, जिसने अपनी रिलीज़ के 50 वर्ष पूरे किए हैं।
कार्यक्रम में शामिल प्रमुख हस्तियां
इस ऐतिहासिक समारोह में राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, फिल्म निर्माता रमेश सिप्पी, सूरज बड़जात्या और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। दीया कुमारी ने अपने संबोधन में राज मंदिर से जुड़ी अपनी यादों को साझा किया और इस प्रतिष्ठित सिनेमा हॉल के साथ अपने संबंधों पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा,
“मेरे लिए यह बहुत गर्व की बात है कि मैं इस आयोजन का हिस्सा बनी। राज मंदिर से मेरी कई यादें जुड़ी हैं। यहां मैंने अपने पिता के साथ फिल्में देखी हैं और यह जयपुर की पहचान बन चुका है।”
राज मंदिर और सुराणा परिवार की विरासत
राज मंदिर सिनेमा हॉल की स्थापना 1966 में मेहताब चंद गोलछा द्वारा की गई थी और इसका उद्घाटन 1976 में हुआ था। इसे अपनी अनूठी वास्तुकला और शाही माहौल के लिए जाना जाता है, जिससे यह एशिया के सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित सिनेमा हॉल में शामिल होता है।
इस सिनेमा हॉल के मालिक और इसे संचालित करने वाला परिवार भूरामल राजमल सुराणा समूह है, जिसने इसे हमेशा गौरवशाली बनाए रखा। इस ऐतिहासिक अवसर पर सिनेमा हॉल के संचालक सुराणा परिवार के सदस्यों ने भी अपने विचार साझा किए—
विमल चंद सुराणा ने कहा,
“राज मंदिर केवल एक सिनेमा हॉल नहीं, बल्कि एक धरोहर है। यहां हर फिल्म प्रेमी की यादें बसती हैं। हम इसे और भी भव्य बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।”
पंकज सुराणा ने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा,
“यह हमारे परिवार के लिए गर्व का क्षण है कि राज मंदिर अपनी गोल्डन जुबली मना रहा है। ‘शोले’ जैसी ऐतिहासिक फिल्म के साथ इस अवसर का जश्न मनाना हमारी परंपरा और भारतीय सिनेमा के प्रति सम्मान को दर्शाता है।”
जयपुर के लिए ऐतिहासिक पल
इस भव्य आयोजन ने जयपुर के सिनेमा प्रेमियों को न सिर्फ पुरानी यादों में ले गया बल्कि राज मंदिर और ‘शोले’ की विरासत को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया।
राज मंदिर के कार्यालय प्रमुख अंकुर खंडेलवाल ने बताया,
“हमने शोले और राज मंदिर दोनों की 50वीं वर्षगांठ के मौके को खास बनाने के लिए कई प्रयास किए हैं। इस ऐतिहासिक आयोजन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिससे यह जयपुर के लिए एक यादगार पल बन गया।”
समारोह की खास बातें
‘शोले’ की विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन
फिल्मी हस्तियों और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी
सुराणा परिवार द्वारा अतिथियों का स्वागत और सम्मान
राज मंदिर की भव्यता और विरासत को बनाए रखने की प्रतिबद्धता
जयपुर वासियों के लिए यह समारोह नॉस्टेल्जिया और गर्व से भरपूर रहा, जिसने साबित कर दिया कि राज मंदिर सिर्फ एक सिनेमा हॉल नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा और जयपुर की सांस्कृतिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।